BCA कम्पलीट करने के बाद ऐसे बने सॉफ्टवेयर इंजीनियर [BCA के बाद कोर्स]

अगर आपने बीसीए कम्पलीट कर लिया है और अब आप Bca Ke Baad Software Engineer Kaise Bane यह जानना चाहते हैं

यह एक बहुत ही अच्छा करियर ऑप्शन है जिसमें आपको कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का डिजाइन, डेवलपमेंट, टेस्टिंग और मेंटेनेंस करना होता है

आपको इसके लिए कुछ आवश्यक योग्यता, स्किल और ट्रेनिंग की जरूरत होगी जो आपको इस फील्ड में एक्सपर्ट बनाएंगे

इस ब्लॉग आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि बीसीए कम्पलीट करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने और इसके लिए आपको क्या-क्या करना होगा।


Bca Ke Baad Course
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने


बीसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने: योग्यता और ट्रेनिंग

बीसीए यानी बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन एक तीन वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें आपको कंप्यूटर साइंस, प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज, डेटाबेस, नेटवर्किंग, वेब डेवलपमेंट और अन्य संबंधित विषयों का ज्ञान दिया जाता है

यह कोर्स आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए एक बेसिक फाउंडेशन प्रदान करता है लेकिन इसके अलावा भी आपको कुछ अतिरिक्त योग्यता और ट्रेनिंग की आवश्यकता होगी।

एमसीए या एमटेक

बीसीए के बाद आप एमसीए यानी मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन या एमटेक यानी मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन ले सकते हैं

ये दोनों ही दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स हैं जिनमें आपको कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के एडवांस्ड टॉपिक्स पढ़ाए जाते हैं

इन कोर्सों के बाद आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में ज्यादा ज्ञान, कौशल और एक्सपीरियंस होगा जो आपको इस फील्ड में बेहतर जॉब और कैरियर ग्रोथ के अवसर देगा।

सर्टिफिकेशन कोर्स

बीसीए या एमसीए के साथ-साथ आप कुछ सर्टिफिकेशन कोर्स भी कर सकते हैं जो आपको किसी विशेष प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, फ्रेमवर्क, टूल, तकनीक या डोमेन में एक्सपर्टीज देंगे

आपको इन कोर्सों को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही तरह से करने का ऑप्शन मिलता है और इनकी अवधि भी अलग-अलग होती है

इन कोर्सों के बाद आपको एक सर्टिफिकेट मिलता है जो आपके रिज्यूमे को मजबूत बनाता है और आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में ज्यादा कम्पिटेंट बनाता है

यहाँ कुछ सर्टिफिकेट कोर्स दिए गए है जिन्हे आप BCA के बाद कर सकते है 

  • Java SE 11 Developer Certification
  • Python Developer Certification
  • AWS Certified Solutions Architect - Associate
  • Google Cloud Certified Professional Cloud Architect
  • Microsoft Certified: Azure Developer Associate
  • Certified ScrumMaster
  • ISTQB Certified Tester Foundation Level


इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स करे 

बीसीए या एमसीए के दौरान या बाद में आप कुछ इंटर्नशिप या प्रोजेक्ट्स भी कर सकते हैं जो आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के प्रैक्टिकल अस्पेक्ट्स को समझने और सीखने में हेल्प करेंगे

आपको इन इंटर्नशिप या प्रोजेक्ट्स को किसी रिप्यूटेड कंपनी ऑर्गनाइजेशन इंस्टीट्यूट या मेंटर के साथ करना चाहिए

जो आपको गाइडेंस, फीडबैक और एक्सपोजर दे सकें इन इंटर्नशिप या प्रोजेक्ट्स के दौरान, आपको वर्तमान और भविष्य की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की ट्रेंड्स, डिमांड्स, चैलेंजेस और ऑपर्ट्यूनिटीज का पता चलेगा जो आपको इस फील्ड में अपनी तैयारी और प्रोग्रेस के लिए बहुत फायदेमंद होगा।


कौशल और गुण

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको कुछ ऐसे कौशल और गुण होने चाहिए जो आपको इस फील्ड में सफल होने में मदद करेंगे

प्रोग्रामिंग कौशल

यह तो आपको पता ही होगा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए प्रोग्रामिंग स्किल कितनी इम्पोर्टेन्ट हैं आपको कम से कम एक या दो प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज को अच्छी तरह से जानना और लिखना आना चाहिए जैसे कि Java, Python, C++, C#, JavaScript, PHP, Ruby

आपको इन लैंग्वेजेज के सिंटैक्स, डेटा स्ट्रक्चर्स, अल्गोरिदम्स, ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग, फंक्शनल प्रोग्रामिंग, डिबगिंग, टेस्टिंग, डॉक्यूमेंटेशन और अन्य कॉन्सेप्ट्स को समझना और इस्तेमाल करना आना चाहिए

आपको ये भी पता होना चाहिए कि कौन सी लैंग्वेज किस तरह के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए सूटेबल है और इन्हें कैसे इंटीग्रेट करना है।

वेब डेवलपमेंट कौशल

आज के समय में वेब डेवलपमेंट एक बहुत ही पॉपुलर और डायनामिक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग डोमेन है जिसमें आपको वेबसाइट्स, वेब एप्लीकेशन्स, वेब सर्विसेज और वेब एपीआईज का डिजाइन, डेवलपमेंट, डिप्लॉयमेंट और मेंटेनेंस करना होता है

इसके लिए आपको वेब डेवलपमेंट के फ्रंट-एंड और बैक-एंड दोनों ही तरफ के कौशल होने चाहिए फ्रंट-एंड में, आपको वेब पेज का यूआई और यूएक्स का डिजाइन और इंटरैक्शन करना होता है जिसके लिए आपको HTML, CSS, JavaScript, jQuery, Bootstrap, React, Angular जैसे  तकनीकों को जानना और इस्तेमाल करना आना चाहिए

बैक-एंड में आपको वेब एप्लीकेशन का बिजनेस लॉजिक, डेटाबेस, सर्वर, एपीआई, सिक्योरिटी, ऑथेंटिकेशन, ऑथोराइजेशन, परफॉरमेंस, स्केलेबिलिटी का डेवलपमेंट और मैनेजमेंट करना होता है जिसके लिए आपको 

PHP, Python, Ruby, Node.js, Java, .NET प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज और MySQL, MongoDB, PostgreSQL, Oracle डेटाबेस सिस्टम को जानना और इस्तेमाल करना आना चाहिए

आपको वेब डेवलपमेंट के लिए कुछ पॉपुलर फ्रेमवर्क और टूल्स की भी जानकारी होनी चाहिए जैसे कि Laravel, Django, Rails, Express, Spring, ASP.NET


BCA के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कौशल

अगर आपने BCA किया है तब भी आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते है सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको सिर्फ प्रोग्रामिंग या वेब डेवलपमेंट ही नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के अन्य अस्पेक्ट्स को भी जानना और समझना होगा। 

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लाइफ साइकिल

यह एक प्रोसेस है जिसमें सॉफ्टवेयर की प्लानिंग, एनालिसिस, डिजाइन, इम्प्लीमेंटेशन, टेस्टिंग, डिप्लॉयमेंट और मेंटेनेंस के अलग - अलग स्टेप्स होते हैं

आपको इन स्टेप्स को जानना और फॉलो करना होगा ताकि आप एक उच्च गुणवत्ता वाला, रिलायबल, सिक्योर, इफिशिएंट और यूजर-फ्रेंडली सॉफ्टवेयर बना सकें

आपको इसके लिए कुछ मॉडल्स और मेथडोलॉजीज को भी जानना होगा 

सॉफ्टवेयर डिजाइन पैटर्न्स

ये एक सेट ऑफ सॉल्यूशन्स हैं जो आपको सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के आम और बार-बार होने वाले प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने में मदद करते हैं

ये पैटर्न्स आपको सॉफ्टवेयर का डिजाइन करने के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज, प्रिंसिपल्स और कॉन्सेप्ट्स बताते हैं जो आपके सॉफ्टवेयर को रीयूजेबल, एक्सटेंसिबल, मॉड्यूलर, टेस्टेबल और डिकपल बनाते हैं

आपको इन पैटर्न्स को जानना और इस्तेमाल करना होगा जैसे कि सिंगलटन, फैक्टरी, बिल्डर, अब्सट्रैक्ट फैक्टरी, प्रोटोटाइप, अडैप्टर, ब्रिज, कम्पोजिट, डेकोरेटर, फैसेड, फ्लाईवेट, प्रॉक्सी, चेन ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी, कमांड, इटेरेटर, मीडिएटर, मेमेंटो, ओब्जेक्ट पूल, ओब्जर्वर, स्टेट, स्ट्रैटेजी, टेम्पलेट मेथड, विजिटर आदि।

सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कौशल

यह एक प्रोसेस है जिसमें सॉफ्टवेयर की क्वालिटी, फंक्शनालिटी, रिलायबिलिटी, यूजबिलिटी, सिक्योरिटी, कम्पेटिबिलिटी, परफॉरमेंस और अन्य एट्रिब्यूट्स को चेक करना होता है 

आपको इसके लिए कुछ टेस्टिंग टूल्स, टेकनीक्स, टाइप्स, लेवल्स, तकनीकों को जानना और इस्तेमाल करना आना चाहिए

इसके अलावा, आपको कुछ डेटाबेस सिस्टम्स जैसे कि MySQL, MongoDB, PostgreSQL, Oracle, SQL Server आदि को भी जानना और इस्तेमाल करना आना चाहिए।

सॉफ्ट स्किल्स

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं बल्कि कुछ सॉफ्ट स्किल्स भी होने चाहिए जो आपको इस फील्ड में सफल होने में हेल्प करें 

सॉफ्ट स्किल्स वो कौशल होते हैं जो आपको अपने काम, टीम, क्लाइंट्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ अच्छी तरह से कम्युनिकेट, कोऑर्डिनेट, कोलेबोरेट और नेगोशिएट करने में मदद करते हैं

कम्युनिकेशन स्किल्स

आपको अपने विचार प्रॉब्लम्स सॉल्यूशन्स फीडबैक और अन्य जानकारी को स्पष्ट, शार्ट और प्रभावी तरीके से लिखना और बोलना आना चाहिए

आपको अपने टीम मेंबर्स, मैनेजर्स, क्लाइंट्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ अच्छे रिलेशनशिप बनाने और बनाए रखने के लिए रिस्पेक्टफुल, प्रोफेशनल और कोर्टियस होना चाहिए

आपको अपने काम की प्रगति, स्टेटस, चैलेंजेस और आउटकम को रेगुलर और टाइमली बेसिस पर रिपोर्ट करना चाहिए।

टीमवर्क स्किल्स

आपको अपने टीम के साथ अच्छी तरह से काम करना आना चाहिए जिसमें आपको अपने रोल, रिस्पॉन्सिबिलिटीज, डेडलाइन्स और गोल्स को समझना और निभाना चाहिए

आपको अपने टीम मेंबर्स के साथ कोऑर्डिनेशन, कोलेबोरेशन, डिलीगेशन, मोटिवेशन और अप्रीशिएशन करना चाहिए

आपको अपने टीम के साथ एक विजन, मिशन और कल्चर शेयर करना चाहिए आपको अपनी टीम की स्ट्रेंथ, वीकनेस, ऑपर्ट्यूनिटीज और थ्रेट्स को पहचानना और उनका उपयोग करना चाहिए।

प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स

आपको अपने काम के दौरान आने वाली अलग - अलग  प्रकार की प्रॉब्लम्स को अनालाइज आइडेंटिफाइ, डिफाइन, इम्प्लीमेंट और टेस्ट करना आना चाहिए

आपको अपनी प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स को इम्प्रूव करने के लिए लॉजिकल, क्रिटिकल, क्रिएटिव और एनालिटिकल थिंकिंग का इस्तेमाल करना चाहिए

आपको अपनी प्रॉब्लम्स को छोटे-छोटे टास्क्स में बांटना उनके लिए अल्गोरिदम्स बनाना, उन्हें कोड में कनवर्ट करना, उन्हें डिबग और टेस्ट करना, उनके लिए डॉक्यूमेंटेशन बनाना और उन्हें डिप्लॉय करना आना चाहिए।

लर्निंग स्किल्स

आपको अपने काम के लिए नए-नए तकनीकों, टूल्स, तकनीकों, बेस्ट प्रैक्टिसेज और ट्रेंड्स को सीखना और अपडेट करना आना चाहिए

आपको अपने काम के लिए रिलेवेंट और रिलायबल सोर्सेज से जानकारी लेना और उसे समझना, याद रखना और अपनाना आना चाहिए

आपको अपने काम के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह के रिसोर्सेज का इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे कि बुक्स, आर्टिकल्स, ब्लॉग्स, वीडियोस, पॉडकास्ट्स, कोर्सेज, वर्कशॉप्स, वेबिनार्स, मेंटर्स, कम्युनिटीज आदि।

आपको अपने काम के लिए नए-नए चीजों को सीखने का उत्साह और जिज्ञासा रखना चाहिए।


Software Engineer की सैलरी कितनी होती है ?

फ्रेशर लेवल पर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को लगभग 3 से 4 लाख रुपये प्रति वर्ष की सैलरी मिलती है

1 से 3 वर्ष के एक्सपीरियंस के साथ सैलरी 5 से 8 लाख रुपये तक हो सकती है

3 से 5 साल के एक्सपीरियंस के साथ, सैलरी 8-12 लाख रुपये तक हो सकती है

5 से 10 साल के एक्सपीरियंस के साथ सीनियर पोजिशन पर सैलरी 12 से 20 लाख रुपये से भी अधिक हो सकती है

इसलिए आमतौर पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी 3 से 30 लाख रुपये के बीच होती है सैलरी एक्सपीरियंस के साथ-साथ बढ़ती जाती है

 आपको बता दू कि कुछ टॉप कंपनियों में यह और भी ज्यादा हो सकती है।


निष्कर्ष।

दोस्तों ये थे कुछ टिप्स जिसमे मैंने आपको बताया कि बीसीए कम्पलीट करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी

अगर आपको इस ब्लॉग आर्टिकल से कुछ सीखने को मिला है तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें

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