जज बनना एक सम्मानित और जिम्मेदार post है जज लोगों के बीच होने वाले विवादों को सुलझाते हैं और न्याय दिलाने का काम करते हैं
भारत में जज बनने के लिए आपको LLB की डिग्री प्राप्त करनी होती है LLB की डिग्री प्राप्त करने के बाद आपको ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा पास करनी होती है इस परीक्षा में Pass होने पर आपको जज की पोस्ट पर नियुक्त किया जाता है
आज इस आर्टिकल में मैं आपको LLB के बाद Judge कैसे बने इसके बारे में बताने वाला हूँ।
जज कैसे बने |
LLB के बाद जज कैसे बने ?
LLb के बाद जज बनने के लिए आपको पहले llb की डिग्री करनी होगी LLB की डिग्री प्राप्त करने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से LLB का course करना होगा
LLB का कोर्स 5 साल का होता है इस कोर्स में आपको कानून की सभी महत्वपूर्ण subjects की पढ़ाई कराई जाती है LLB का कोर्स करने के लिए आपको किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास होना आवश्यक है।
जज बनने के लिए योग्यता
- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त करे
- आपकी उम्र कम से कम 21 साल की होनी चाहिए
- शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
- किसी भी आपराधिक मामले में दोषी नहीं होना चाहिए।
ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा (PCS (J)) पास करें
ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा (PCS (J)) भारत में जज बनने के लिए आयोजित की जाने वाली एक प्रतियोगी परीक्षा है यह परीक्षा राज्यों के लोक सेवा आयोग (PSC) द्वारा आयोजित की जाती है इस परीक्षा में pass होने वाले उम्मीदवारों को जज की post पर नियुक्त किया जाता है।
ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा (PCS (J)) तीन चरणों में आयोजित की जाती है
- प्रारंभिक परीक्षा
- मुख्य परीक्षा
- इंटरव्यू
प्रारंभिक परीक्षा
प्रारंभिक परीक्षा में 200 अंकों केऑब्जेक्टिव type प्रश्न होते है प्रश्न सामान्य अध्ययन, हिंदी, अंग्रेजी और कानून से पूछे जाते हैं प्रारंभिक परीक्षा में पास होने वाले उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है।
मुख्य परीक्षा
मुख्य परीक्षा में 500 अंकों के ऑब्जेक्टिव type प्रश्न और 500 अंकों के लिखित प्रश्न होते हैं। प्रश्न सामान्य अध्ययन, हिंदी, अंग्रेजी, कानून और विधिशास्त्र से पूछे जाते हैं मुख्य परीक्षा में Pass होने वाले उम्मीदवारों को Interview के लिए बुलाया जाता है।
इंटरव्यू
Interview में उम्मीदवार की मानसिक योग्यता, व्यक्तित्व और कानूनी ज्ञान का test किया जाता है। interview में पास होने वाले उम्मीदवारों को जज की पोस्ट पर नियुक्त किया जाता है।
ट्रेनिंग प्राप्त करें
जज की पोस्ट पर नियुक्त होने के बाद आपको ट्रेनिंग प्राप्त करनी होगी ट्रेनिंग की अवधि 1 साल होती है ट्रेनिंग के दौरान आपको कानूनी प्रक्रियाओं और कानूनी सिद्धांतों की शिक्षा दी जाती है।
Judge की सैलरी कितनी होती है ?
जज की सैलरी का निर्धारण भारत सरकार के कानून मंत्रालय द्वारा किया जाता है। जज की सैलरी उनकी पोस्ट, एक्सपीरियंस और कार्यभार के आधार पर निर्धारित की जाती है।
जज की सैलरी दो प्रकार की होती है
- बेसिक सैलरी
- भत्ते
- बेसिक सैलरी
जज की बेसिक सैलरी उनकी post के अनुसार निर्धारित की जाती है। उदाहरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेसिक सैलरी ₹2,80,000 प्रति महीना है।
भत्ते
- महंगाई भत्ता
- आवास भत्ता
- वाहन भत्ता
- टेलीफोन भत्ता
- मेडिकल भत्ता
जज की सैलरी का उदाहरण
चलिए जज की सैलरी का एक उदाहरण देखते हैं मान लीजिए कि एक जज की बेसिक सैलरी ₹1,00,000 प्रति माह है इसके अलावा उसे ₹50,000 प्रति माह महंगाई भत्ता
₹20,000 प्रति माह आवास भत्ता, और ₹10,000 प्रति माह वाहन भत्ता दिया जाता है इस प्रकार, उसकी कुल सैलरी ₹1,80,000 प्रति महीना होगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार आप LLB करने के बाद Judge बन सकते है अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे share करना न भूले और अगर आपको इससे सम्बंधित कोई और जानकारी चाहिए तो आप मुझे निचे कमेंट सेक्शन में बता सकते है।
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